भारत के महान खिलाड़ी का निधन हो गया, 17 शतकों के दम पर बनाए थे 5 हजार से भी ज्यादा रन

अगर आप क्रिकेट में रूचि रखते है तो आप इंडिया के महान कप्तान और देश के बहुत उम्रदराज़ दत्ताजीराव गायकवाड़ का निधन हो गया है. ये बहुत अफ़सोस की बात है लेकिन आज एक खिलाडी दुनिया से चला गया है। दत्ताजीराव की उम्र 95 साल की थी और उन्होंने अपनी आखरी सांसें बड़ोदा के अस्पताल में ली थी. यह 1952 में डेब्यू करने वाले बहुत बेहतरीन खिलाड़ी थे उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बवाल का प्रदर्शन किया था।

दत्ताजीराव देश के सबसे महान और उम्र में सबसे बड़े क्रिकेटर थे जो की अब इस दुनिया से रुखसत हो चुके है. इन्होने अपनी आखिर की ज़िंदगी बड़ोदा के अस्पताल में गुज़ारी। उम्र ज़्यादा हो जाने के कारण वो बीमार रहा करते थे और काफी आरसे से बीमार भी थे इस वजह से उनको ICU में भर्ती कराया गया था. दत्ताजीराव गायकवाड़ टीम इंडिया के सबसे खास ओपनर थे और अंशुमन गायकवाड़ उनके हेड कोच थे जो की उनके पिता थे. खबरों के मुताबिक और मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार दत्ताजीराव पिछले 12 दिनों से अस्पताल में एडमिट थे। दत्ताजीराव ने अपनी लाइफ में बहुत से मैच खेले होंगे लेकिन उन्होंने टीम इंडिया के लिए 11 टेस्ट खेले। दत्ताजीराव ने अपना पहला टेस्ट 1952 में खेला था और पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में 1962 में आखरी मैच खेला था.

कैसा था दत्ताजीराव का करियर?

अगर हम दत्ताजीराव गायकवाड़ के करियर की बात करें तो उन्होंने अपने करियर में 11 टेस्ट में केवल 350 रन ही बनाये थे और उनका औसत 18.42 था उसके साथ उनके बल्ले से एक अनोखा अर्धशतक निकला। उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर भले ही मैच नहीं खेला और उसमे उन्हें इतनी कामयाबी नहीं मिल सकीय लेकिन घरेलु क्रिकेट उन्होंने काफी अच्छा खेला था. उन्हेआने 110 खेलो में 36 से भी कई ज़्यादा की औसत से 5788 रन बनाये। इस सब के चलते उनके बल्ले से 17 शतक निकले। दत्ताजीराओ का करियर क्रिकेट में सही रहा और उन्होंने नाबाद 249 रन बनाये थे.

Dattajirao Gaekwad

यह देश के सबसे बुजुर्ग टेस्ट क्रिकेटर थे

जैसे की हमने आपको बताया की दत्ताजीराव देश के काफी उम्रदराज़ प्लेयर थे। दत्ताजीराव सबसे उम्रदराज़ क्रिकेटर बने थे 2016 में। और उनसे पहले एक और बुज़ुर्ग क्रिकेटर थे जो की उनसे भी ज़्यादा उम्र में थे उनका नाम दीपक शोधन था. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दीपक शोधन का 87 साल की उम्र में ही निधन हो गया था जब वो अहमदाबाद में स्थित थे.

दत्ताजीराव गायकवाड़ की खासियत

दत्ताजीराव गायकवाड़ की खासियत यह थी की वो दाए हाथ के बल्लेबाज़ थे और उसके साथ साथ ड्राइव और डिफेंस में बहुत ही पॉपुलर शख्स थे। इन सब के अलावा वो एक अमेजिंग फील्डर भी थे। उन्होंने आज़ादी के बाद इंग्लैंड के पहले दौरे में जाने वाली टीम का वो हिस्सा बने थे. उसके साथ विजय हज़ारे की कप्तानी में उनका डेब्यू टेस्ट भी हुआ था. अपनी करियर की शुरुआत उन्होंने एक ओपनर से किया था और फिर वह मिडिल ऑर्डर में कही जाकर शिफ्ट हो गए थे.

Leave a Reply